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सिकलसेल बीमारी पर आयोजित हुई परिचर्चा

TV20 भारतवर्ष छिंदवाड़ा

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एन.के.शास्त्री के मार्गदर्शन में आई.सी.एम.आर. राष्ट्रीय जनजाति स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान जबलपुर के निर्देशक डॉ.राजनारायण तिवारी के समन्वयन से छिंदवाडा के स्वास्थ्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सिकलसेल बीमारी पर विस्तृत परिचर्चा हुई। यह अर्ध्ददिवसीय परिचर्चा एक निजी होटल में आयोजित की गई ।

     इस परिचर्चा में आई.सी.एम.आर.जबलपुर से आए वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 2047 में सिकलसेल बीमारी उन्मूलन के विजन (संकल्पना) के लिए किये जा रहे प्रयासों तथा इस कार्य में विभिन्न स्वास्थ्य स्तरों पर समन्वयन कर ग्रामीण जनमानस की सहभागिता पर परिचर्चा प्रस्तुत की गई। साथ ही सिकलसेल से पीड़ित को किसी भ्रम, अंधविश्वास या सामाजिक बहिष्कार आदि का सामना ना करना पड़े, इस विषय पर चर्चा की गई । इस परिचर्चा में जिला सिकलसेल नोडल अधिकारी डॉ.अर्चना कैथवास, डॉ.हितेश रामटेके, डॉ.संजय राय, डॉ.राहुल श्रीवास्तव तथा अन्य विकासखंड स्तर के कर्मचारी उपस्थित हुए । जबलपुर से डॉ.कल्याण साहा (वैज्ञानिक जी), डॉ.सुयश शीवास्तव (वैज्ञानिक सी) उपस्थित रहे। मुख्य परिचर्चा कार्यक्रम के प्रभारी डॉ.रविन्द्र कुमार (वैज्ञानिक डी) द्वारा प्रस्तुत की गई। जबलपुर से आये वैज्ञानिकों ने छिंदवाड़ा में सिकलसेल कार्यक्रम के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए भविष्य में छिंदवाडा जिले को सिकलसेल बीमारी के उन्मूलन में प्रदेश के मॉडल के रूप में उभरने की आशा जताई । कार्यक्रम में डॉ.राहुल श्रीवास्तव द्वारा आभार व्यक्त किया गया।
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