TV20 भारतवर्ष न्यूज छिंदवाड़ा
जिले में खनिज रेत गिट्टी को लेकर सिकवा शिकायत का सिलसिला लगातार जारी है। एक और सरकार आमजन से विकास के नाम पर बड़ी बड़ी बातें करता है, तो दूसरी ओर विभाग खनिज रेत पर रायल्टी होने पर भी मोटा जुर्माना ठोककर जिले में खौफ बनाये हुए है।आमजन को अन्य जिलों से कम दाम पर उपलब्ध होने वाली रेत बजरी के वाहनों पर जुर्माना लगाकर डराया जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रेत अन्य जिले की होने पर उन्हें मोटा जुर्माना लगाकर रोका जा रहा है। जिले में खनिज विभाग की कार्रवाई के नाम पर मनमानी गुण्डागर्दी से कम नहीं, आखिर जिले के मुखिया की इस ओर नजर क्यों नहीं पड़ रही है।
ठेकेदार के इसारों पर चल रहा खनिज विभाग

कलेक्टर खनिज शाखा छिंदवाड़ा के खनिज अधिकारी रविन्द्र परमार इन दिनों फिर एक्शन मोड पर नजर आ रहे हैं, और नजर आने की खास बजह बता दें इन दिनों रेत ठेकेदार के इसारो पर चल रहा है खनिज विभाग, शहर में काली रेत पर बिना रायल्टी के वाहन ट्रेक्टर,डम्परों से प्रतिदिन अवैध परिवहन व खनन हो रहा है। जिस पर खनिज अधिकारी या डिपार्टमेंट महरवान है, किन्तु अन्य जिलों से रायल्टी पर आ रही रेत को कड़ी कार्यवाही कर रोका जा रहा है।रायल्टी होने पर भी आवेध परिवहन का प्रकरण बनाया जा रहा है। आखिर ऐसा क्यों?
शासन के सेंड पोर्टल से कटने वाली रायल्टी को ही किया आवेध,ऐसा क्यों ?

जिले में खनिज रेत का दाम अधिक व गुणवत्ता खराब होने के कारण आमजन बालाघाट से आने बाली रेत का उपयोग कर रहे हैं। जिसके चलते जिले के ठेकेदार का घटिया माल बिकना बंद हो गया है। जिसके चलते खनिज अधिकारी रविन्द्र परमार से सांठ गांठ कर अन्य जिलों से रायल्टी पर आने बाले वाहनों पर 400000 लाख से अधिक जुर्माना लगाकर उन्हें अप्रत्यक्ष रूप से रोका जा रहा है। जिसके चलते आमजन को महंगी व घटिया रेत उपयोग करना पड़ रहा है। साथ ही जिला खनिज अधिकारी की कार्रवाई कहीं न कहीं सवालिया निशान खड़ा कर रही है। नियमों की मानें तो शासन के सेंड पोर्टल से कटने वाली रायल्टी वैध है। लेकिन यहां तो अधिकारी की मनमानी व गुण्डागर्दी जोरों पर है।