TV20 भारतवर्ष | छिंदवाड़ा जिला ब्योरो
छिंदवाड़ा जिले में इन दिनों पुलिस महकमा अपने ही नियमों से उलझा नजर आ रहा है।
जहाँ अनुभवी टीआई लाइन में फाइलों पर धूल फांक रहे हैं, वहीं थानों की कमान थमा दी गई है सब-इंस्पेक्टरों को!
पब्लिक पूछ रही है – क्या थाना अब ट्रेनिंग ग्राउंड बन गया है?
दमुआ थाना केस में जो किरकिरी हुई है, उसने इस व्यवस्था की पोल खोल दी है। सोशल मीडिया से लेकर चौराहों तक, लोग कह रहे हैं –
“अनुभव को दरकिनार कर दिया गया, अब थाने में काम की जगह प्रयोग हो रहा है!”
जनता में गुस्सा साफ है –
“जब टीआई मौजूद हैं, तो फिर SI को प्रभारी क्यों बनाया जा रहा है?”
“क्या ये पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली में गिरावट का संकेत है?”
विशेषज्ञों का भी कहना है कि थाना जैसी गंभीर जिम्मेदारी सिर्फ अनुभव वाले अधिकारी को ही दी जानी चाहिए।
अब सवाल बड़ा है:
क्या अनुभवहीन नेतृत्व के चलते कानून व्यवस्था गड़बड़ा रही है?
क्या एसपी साहब लेंगे सख्त फैसला?
कब मिलेगा थानों को स्थाई, अनुभवी कमान?
जनता की एक ही मांग:
“हर थाने में हो अनुभवी टीआई की पोस्टिंग, तभी बनेगा भरोसेमंद पुलिस सिस्टम!”