जम्मू कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ में छिंदवाड़ा का जवान शहीद, परिवार का एकमात्र सहारा था
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में जैसे ही खबर पहुंची शोक की लहर दौड़ गई। छिंदवाड़ा का लाल भारत माता की रक्षा करते हुए शहीद हो गया। जिले के पुलपुलडोह के रहने वाले जवान कबीरदास उइके मंगलवार रात को आतंकियों के साथ मुठभेड़ में घायल हो गए थे। उइके के साथ ही पांच अन्य जवान भी घायल हो गए थे। लेकिन, कबीर ने बुधवार को सुबह अस्पताल में अंतिम सांस ली। कबीर दास अपने पूरे परिवार का एकमात्र सहारा थे।
छिंदवाड़ा जिले के पुलपुलडोह के रहने वाले कबीर दास उइके ने बुधवार को सुबह अंतिम सांस ली। रक्षा मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है। बताया गया है कि मंगलवार रात को करीब 8 बजे कठुआ जिले के हीरानगर स्थित सैदा सुखल गांव में आतंकवादी हमला हुआ था। अचानक हुए इस हमले में सीआरपीएफ के कांस्टेबल कबीरदास (soldier kabirdas uike) घायल हो गए थे।

4 साल पहले हुई थी शादी, परिवार का एकमात्र सहारा
छिंदवाड़ा जिले के पुलपुलडोह में बुधवार सुबह से ही मातम छाया हुआ है। इस घर का लाल अब इस दुनिया में नहीं है। ग्रामीण बताते हैं कि कबीर की शादी 4 साल पहले ही हुई थी। उनके पिता का निधन पहले ही हो गया था। घर में बुजुर्ग मां और दो बहनें हैं। कबीर ही इस परिवार का एक मात्र सहारा था। 2011 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए कबीर 35 साल के थे।
आतंकियों ने जिस गांव में हमला किया था, वहां एक परिवार को बंधक बनाने की कोशिश की थी। किसी तरीके से परिवार आतंकियों से बचकर निकल गया। इसके बाद सुरक्षा बलों से आतंकियों की मुठभेड़ हो गई, जिसमें पांच जवान घायल हो गए। इनमें कबीरदास भी शामिल था।
पिछले माह भी एक जवान हुआ था शहीद
इससे पहले छिंदवाड़ा के नोनिया करबल के रहने वाले विक्की पहाड़े भी 5 मई को शहीद हो गए थे। वे जम्मू कश्मीर के पुंछ में हुए आतंवादी हमले में शहीद हुए थे। वायसेना में कार्पोरल के पद पर तैनात थे।