जिले की पुलिस जुआ फड़, सट्टा, अवैध तस्करी आदि अपराध पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रही है। सट्टा व जुआ फड़ के अवैध कारोबार का हॉल यह है कि इसमें कमीशन वाले एजेंट व सुरक्षित तरीके से दांव लगाने वाले खेल सके इसलिए टॉवर लगाए जा रहे हैं। इसकी पुष्टि विगत दिनों से चौरई पुलिस की कार्रवाई से हो रही है।
तीन से चार खाइवाल मिलकर पूरे शहर में सट्टे का बाजार चला रहे हैं। जिनकी लिंक सिवनी, छिंदवाड़ा एवं महाराष्ट्र से जुड़ी हुई है। इन सबके बीच चौरई पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है। पुलिस का सटोरियों के विरूद्ध कोई एक्शन न लेना कहीं न कहीं सवालियां निशान खड़ा करता है। किंतु चौरई में सट्टा के मामला को उजागर करने में पुलिस नाकाम साबित हुई है। जब इसकी शिकायत होती है तो उन्हें ठोस सूचना देने पर कार्रवाई की बात कही जाती है। हर कोई जानता है कि नगर में सट्टा का कारोबार जमकर चल रहा है पर उस कोई नियंत्रण नहीं हैं।
सटोरियों के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम हो रही पुलिस
नगर में खुलेआम सट्टा और जुआ का खेल चल रहा है। शाम होते ही सट्टा लगना शुरू हो जाता है और देर रात तक चलता है। खुलेआम चल रहे इस कारोबार पर न तो पुलिस की नजर है और ना ही वह इस पर लगाम कसने का प्रयास कर रहे हैं। यही वजह है कि यह कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है। स्थानीय लोग कई बार पुलिस को शिकायत देकर इस पर प्रतिबंध लगाने की फरियाद लगा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इस बात को लेकर नगरवासी में पुलिस के प्रति भारी रोष व्यक्त किया है।दरअसल, नगर में पर्ची व ताश के पत्ते के सहारे सट्टे का खेल कुछ जगह पर लंबे समय से चल रहा। सट्टे के इस बाजार में जाने वाला हर व्यक्ति अपनी जेब ढीली कर रहा है। दिनों दिन बढ़ते इस कारोबार में सट्टा संचालक मोटी रकम हासिल कर रहे हैं, जिन्हें पुलिस का जरा भी खौफ नहीं है। बढ़ते सट्टे व जुए के कारोबार के चलते आस पास के लोग काफी परेशान हैं।