31 मार्च 2025 की संध्या महादेव घाट पर शिव तांडव स्तोत्र पाठ कार्यक्रम पर स्वामी अजय रामदास जी महाराज को महामंडलेश्वर के दायित्व मिलने पर RSS के प्रमुख सरसंघ चालक मोहन भागवत द्वारा शिव तांडव स्त्रोत पूजन में रखे धनुष वाण से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी अजय रामदास जी महाराज द्वारा RSS चीफ एवं CM देवेन्द्र फन्डविस को चौरई में आयोजित सामाजिक समरसता धर्म महोत्सव पर परम् पूजनीय जगदगुरू रामानंदाचार्य पद्म विभूषण स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी महाराज द्वारा आयोजित श्रीराम कथा पुस्तक शीर्षक ” धर्म सेतु पालक तुम ताता” की प्रति की भेंट ।

RSS चीफ मोहन भागवत

शिव तांडव स्तोत्र कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख सरसंघचालक डॉक्टर मोहनराव जी भागवत मार्गदर्शन करते हुए कहते हैं कि ,जेसै समुद्र मंथन हुआ था, वैसा ही हमारे प्रजातांत्रिक देश में विचारों का मंथन चलता है। उस मंथन से जो सहमति बनती है, वही अमृत है। उस मंथन से हम समृद्ध होते हैं, लक्ष्य की प्राप्ति होती है,हमारी प्रगति की गति बढ़ती है, उस मंथन से निकला हलाहल यदि पचाया नहि तो हम सबको जला देगा। उसको पचाने वाले शिव जी हैं। वो सबके हैं, देवों के भी और राक्षकों के भी हैं, वह कैलाश पर विराजते हैं, काशी उनका धाम है, बारह ज्योतिर्लिंगों में उनका साक्षात निवास है। देवों के देव है महादेव उनको कहते हैं त्याग भावना को आत्मसात करते हैं। अपने पास कुछ रखते नहीं हैं सब कुछ बांट देते हैं।

विश्व का कल्याण हो इस भावना से ही संत कार्य करते हैं सबके भले के लिए ही संत समाज सोचता है ,
अगर हम सफल होना चाहते हैं तो हमें जिम्मेदार बनना होगा; जब जिम्मेदारियां लेंगे, तभी आगे बढ़ेंगे काम तो सभी करते हैं, लेकिन सफलता कुछ ही लोगों को मिल पाती है। जो लोग नई-नई जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार रहते हैं, उनके जीवन में बदलाव जरूर आता है, ऐसे ही लोगों को बड़ी सफलता भी मिलती है। युवा संतों को सनातन धर्म की रक्षा हेतु दायित्व मिलने चाहिए दिगम्बर अणि अखाड़े द्वारा आपको दायित्व मिलने पर हार्दिक शुभकामनाएं।
इस अवसर पर डॉ.श्रीमंत राजे मुधोजी राव भोंसले महाराजा ऑफ नागपुर, महाराष्ट्र शासन के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, महाराष्ट्र सरकार केबिनेट राजस्व मंत्री एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्रीमान चंद्रशेखर बावनकुले जी , श्रीमान संजय सक्सेना जी महासचिव श्रीराम संकल्प सेवा संगठन भारत की उपस्थिति रही।